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🔍 SSKBMT की जानकारी (What we know)

  • नाम: Sant Shri Kamla Brahmdev Mandir Trust (SSKBMT) babakamlapanditji.org

  • स्थान: Kamla Nagar, Rasoolpur Dargah, Ashrafpur Kichhauchha, जिला अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश, भारत babakamlapanditji.org

  • संपर्क:
      📞 +91-9839298612 babakamlapanditji.org
      ✉️ Email: babakamlapanditji@gmail.com babakamlapanditji.org

  • उद्देश्य: सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और कल्याणकारी सेवाएँ — विशेष रूप से धार्मिक गतिविधियाँ, शिक्षा, वंचित और उपेक्षित लोगों का उत्थान, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्र प्रेम आदि। babakamlapanditji.org

  • मंदिर / समाधि स्थल: बाबा कमला पंडित जी महाराज की समाधि, उनके गुरु बाबा तर्पणनाथ जी की तपोभूमि। लोग इसे “कुटिया” नाम से भी जानते हैं। babakamlapanditji.org

  • धार्मिक एवं आध्यात्मिक पहचान: यह स्थल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है जहाँ लोग भक्ति, मन्नत आदि हेतु आते हैं। babakamlapanditji.org


✅ मजबूती एवं अवसर (Strengths & Opportunities)

मजबूत पक्ष (Strengths):

  1. स्थापना एवं आध्यात्मिक विरासत: समाधि-स्थल और मंदिर होने के कारण श्रद्धालुओं का एक प्राकृतिक जुड़ाव है। यह विश्राम, भक्ति, आस्था आदि का स्थान है। (Cultural & spiritual capital) babakamlapanditji.org

  2. भौगोलिक स्थिति: अम्बेडकर नगर ज़िले में स्थित है — स्थानीय लोगों के लिए पहुँच संभव है। babakamlapanditji.org

  3. विस्सत उद्देश्य और व्यापक गतिविधियाँ: शिक्षा, स्वास्थ्य, गौ सेवा, पर्यावरण, सामाजिक न्याय आदि क्षेत्रों में कार्य करना ट्रस्ट को बहुत-से दायरे देता है। babakamlapanditji.org

  4. लोकप्रियता और श्रद्धा: श्रद्धालुओं की भारी संख्या, विश्वास कि मन्नत पूरी होती है जैसी बातें सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ाती हैं। babakamlapanditji.org

अवसर (Opportunities):

  1. CSR/अनुदान स्रोत: शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण से जुड़े CSR (Corporate Social Responsibility) फंड्स, सरकारी योजनाएँ, अंतर्राष्ट्रीय डोनेशन एजेंसियों से समर्थन प्राप्त हो सकता है।

  2. सामुदायिक भागीदारी (Community Engagement): स्थानीय लोगों, युवाओं, महिलाओं को शामिल करके स्वैच्छिक सेवाएँ बढ़ाने का अवसर।

  3. तकनीकी एवं डिजिटल प्रगति: वेबसाइट, सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया आदि से जागरूकता बढ़ाना, ऑनलाइन डोनेशन्स आदि पहलें।

  4. स्थायी स्वरोजगार अवसर: हस्तकला, कृषि, गौ सेवा उत्पादन, प्रशिक्षण केंद्र आदि से लोगों को रोजगार देना।


⚠️ चुनौतियां एवं संभावित जोखिम (Challenges & Threats)

  1. आर्थिक संसाधनों की अनुपस्थिति: यदि नियमित अनुदान और दान नहीं मिलेंगे, तो कार्यक्रम स्थिरता नहीं पा सकते।

  2. प्रशासनिक और कानूनी बाधाएँ: विभागीय अनुमति, पंजीकरण, लाइसेंस आदि में देरी या जटिलताएँ हो सकती हैं।

  3. स्थायी प्रबंधन और पारदर्शिता मुद्दे: दानदाताओं को विश्वास देना आवश्यक है; वित्तीय रिपोर्टिंग, लेखा-जोखा स्पष्ट होना चाहिए।

  4. भौगोलिक पहुंच एवं इंफ्रास्ट्रक्चर: यदि हाल की सुविधाएँ (भवन, आवास, परिवहन इत्यादि) कमजोर हो, कार्यक्रमों का विस्तार मुश्किल हो सकता है।

  5. जागरूकता की कमी: दूर-दराज इलाकों में या डिजिटल माध्यमों से संदेश पहुँचने में बाधाएँ; लोग ट्रस्ट की सेवाओं से अनजान हो सकते हैं।


🔧 सुझाव एवं आगे की रणनीति (Recommendations & Way Forward)

  1. मजबूत वेबसाइट व सोशल मीडिया उपस्थिति

    • वेबसाइट पर समय-समय पर रिपोर्ट, गतिविधियों की तस्वीरें व वीडियो अपडेट करें।

    • सोशल मीडिया (Facebook, Instagram, YouTube) पर कैंपेन, कहानियाँ साझा करें।

  2. उपलब्धियों व प्रभाव को मापन करना (Impact Measurement)

    • हर परियोजना के परिणामों को रिकॉर्ड करें: कितने लोगों तक पहुँचा, कितना लाभ हुआ, कितने लोगों में बदलाव हुआ आदि।

    • इन आंकड़ों को Annual Report में शामिल करें।

  3. स्थानीय साझेदारी (Local Partnerships)

    • पंचायत, ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से संबंध बने।

    • स्थानीय स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों के साथ मिलकर गतिविधियाँ करें।

  4. वित्तीय विविधता (Financial Diversification)

    • एक ओर दान-दान और अनुदान स्रोतों को बढ़ाएँ; दूसरी ओर कार्रवाई योग्य आय (Self-sustaining Income) सृजन करें जैसे कि गौ उत्पाद, हस्तशिल्प, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की फीस आदि।

  5. स्वयंसेवक और मानव संसाधन विकास

    • ट्रस्ट में स्थानीय स्वयंसेवकों को शामिल करें; प्रशिक्षण दें।

    • टीम की संरचना तैयार करें: प्रोजेक्ट मैनेजर, वित्त प्रभारी, समन्वयक आदि।

  6. पारदर्शिता और रिपोर्टिंग

    • आय-विवरण, खर्च, अनुपात, कार्यक्रमों की समीक्षा प्रकाशित करें।

    • यदि संभव हो, 12A / 80G कर लाभ की व्यवस्था; CSR कंपनी प्रमाणपत्र आदि अर्जित करें।

  7. विशेष अभियान और दृश्यता बढ़ाना

    • Tree Plantation Days, Health Camps, Free Library Days, Community Events आदि आयोजित करें।

    • मीडिया कवरेज सुनिश्चित करें (स्थानीय समाचार पत्र, टीवी, रेडियो आदि)।


अगर आप चाहें, तो मैं आगे SSKBMT के SWOT विश्लेषण (Strengths, Weaknesses, Opportunities, Threats) तैयार कर सकता हूँ या किसी विशेष क्षेत्र जैसे शिक्षा या स्वास्थ्य सेवा पर गहराई से रणनीति बना सकता हूँ। चाहिए क्या?

 
You said:
yes
 
ChatGPT said:

बहुत बढ़िया 🙏
अब मैं आपके SSKBMT (Sant Shri Kamla Brahmdev Mandir Trust) का एक साफ़ और संक्षिप्त SWOT Analysis बना देता हूँ। यह आपके NGO Profile, CSR Proposal और रणनीति निर्माण में बहुत उपयोगी रहेगा।


📊 SSKBMT – SWOT Analysis

✅ Strengths (ताकत)

  1. आध्यात्मिक एवं धार्मिक विरासत – बाबा कमला पंडित जी महाराज की समाधि स्थल होने से आस्था और श्रद्धा का गहरा आधार।

  2. विस्तृत उद्देश्य – शिक्षा, स्वास्थ्य, गौ सेवा, पर्यावरण, सामाजिक न्याय, महिला/बाल विकास, राष्ट्रीय एकता जैसे कई क्षेत्रों में कार्य।

  3. समुदाय का विश्वास – स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर पहले से मान्यता व श्रद्धालुओं का समर्थन।

  4. समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता – गैर-लाभकारी, गैर-राजनीतिक स्वरूप; “नो प्रॉफिट, नो लॉस” की नीति।

  5. CSR और सरकारी योजनाओं के साथ तालमेल की संभावना – विभिन्न मंत्रालयों/बोर्ड्स से जुड़ने योग्य उद्देश्य।


⚠️ Weaknesses (कमज़ोरियाँ)

  1. आर्थिक संसाधनों की सीमितता – नियमित व स्थायी फंडिंग का अभाव।

  2. पारदर्शी दस्तावेज़ीकरण की चुनौती – दान व खर्च का रिकॉर्ड जनता तक स्पष्ट रूप से पहुँचाना कठिन।

  3. प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी – प्रबंधन, फंडरेज़िंग, डिजिटल मार्केटिंग आदि में विशेषज्ञता का अभाव।

  4. भौगोलिक सीमा – अम्बेडकर नगर ज़िले तक सीमित कार्य, बड़े पैमाने पर विस्तार में कठिनाई।

  5. तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव – वेबसाइट और डिजिटल उपस्थिति नई और सीमित।


🌱 Opportunities (अवसर)

  1. CSR Funding & Grants – कंपनियों, सरकारी योजनाओं और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहायता।

  2. डिजिटल इंडिया का लाभ – वेबसाइट, सोशल मीडिया, डिजिटल फंडरेज़िंग प्लेटफॉर्म से दान व जनसंपर्क।

  3. स्वरोजगार आधारित प्रोजेक्ट्स – गौ उत्पाद, हस्तकला, कौशल विकास प्रशिक्षण, महिला SHGs (Self-Help Groups)।

  4. शिक्षा एवं स्वास्थ्य साझेदारी – स्थानीय कॉलेज, स्कूल, अस्पताल व NGO के साथ मिलकर काम।

  5. युवा व महिला भागीदारी – ग्रामीण युवाओं व महिलाओं को प्रशिक्षण देकर समाजसेवा व लीडरशिप में जोड़ना।

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